“शहडोल की बेटी वैष्णवी सिंह बनी सफलता की मिसाल — 10वीं में 96.2% अंक, क्षेत्र का बढ़ाया मान”

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शहडोल : पत्रकार विनय की रिपोर्ट।

संघर्ष, समर्पण और सतत प्रयास का नाम है — वैष्णवी सिंह बघेल। गुड शेफर्ड कॉन्वेंट स्कूल की इस प्रतिभाशाली छात्रा ने सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा में 96.2% अंक अर्जित कर अपने विद्यालय, परिवार और पूरे शहडोल क्षेत्र को गर्वित किया है। वैष्णवी की यह उपलब्धि न केवल उसके व्यक्तिगत परिश्रम का प्रमाण है, बल्कि यह शहडोल जैसे उभरते शैक्षणिक क्षेत्र के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है।

सशक्त पारिवारिक पृष्ठभूमि, प्रेरणादायक परवरिश

16 वर्षीय वैष्णवी, शहडोल के कोइलारी फाटक क्षेत्र में रहती हैं। उनकी माता श्रीमती मनिता सिंह बघेल, एक समर्पित सरकारी शिक्षिका हैं, और पिता श्री जितेंद्र बहादुर सिंह बघेल, कोयला खान में सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। वैष्णवी का परिवार शैक्षणिक और सामाजिक मूल्यों से परिपूर्ण है — उनके पिता भी शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्व रहे हैं। उनके साथ उनके दादा-दादी, बहन जान्हवी, चाचा-चाची सभी का सहयोग उन्हें निरंतर मिला।



पढ़ाई में अनुशासन और आत्मनिर्भरता की मिसाल

वैष्णवी की पढ़ाई की पद्धति बेहद अनुशासित और लक्ष्य-केन्द्रित रही। उन्होंने कभी घड़ी के हिसाब से नहीं, बल्कि अध्यायों के लक्ष्य के अनुसार पढ़ाई की योजना बनाई। उन्होंने मानक गणित और सामाजिक विज्ञान में शानदार 98 अंक प्राप्त किए और बताया कि “सभी विषय मुझे समान लगते हैं, कोई कठिन नहीं लगता।” वह कोचिंग के साथ-साथ स्वाध्याय (सेल्फ-स्टडी) पर भी विशेष ध्यान देती थीं। मोबाइल और सोशल मीडिया का प्रयोग उन्होंने केवल अध्ययन के लिए सीमित रखा।

स्कूल की भूमिका और प्रेरक शिक्षकों का योगदान

गुड शेफर्ड कॉन्वेंट स्कूल की ओर से उन्हें इस उपलब्धि पर सम्मानित किया गया। वैष्णवी विशेष रूप से सुनीता मेहता, मिनी फिलिप्स और मार्गरेट मैम को अपनी प्रिय शिक्षिकाओं के रूप में मानती हैं और कहती हैं कि “स्कूल का अनुशासन ही मेरी सफलता की नींव रहा है।”

परिवार और मित्रों का भावनात्मक संबल

वैष्णवी अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ और शिक्षकों के सहयोग, और अपने पिता की अनुशासक डांट को देती हैं। वह कहती हैं कि “मेरे कठिन समय को आसान बनाने में मेरी बहन जान्हवी, अंकु दीदी, और सहेलियां — चहेक, स्नेहा, शाम्भवी, इशिता, असिता, सानिध्य और रिद्धि का बहुत योगदान रहा।”

आगे का सपना — डॉक्टर बनकर सेवा का संकल्प

वैष्णवी अब विज्ञान वर्ग से 11वीं में पढ़ाई करेंगी और एम्स दिल्ली से डॉक्टर बनने का सपना देख रही हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम बनना है।

बहुप्रतिभा की धनी — शिक्षा के साथ कला और खेल में भी अग्रणी

शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ वैष्णवी को नृत्य, बास्केटबॉल, पोस्टर मेकिंग और घूमने का भी शौक है। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी बहुपरतीय प्रतिभा का परिचय दिया है।


नवोदित छात्रों को संदेश

अपने जूनियर्स के लिए वैष्णवी का संदेश स्पष्ट और प्रेरणादायक है:

> “अत्यधिक तनाव से बचें, पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें और सबसे ज़रूरी — पढ़ाई के साथ जीवन का आनंद लेना न भूलें।”






वैष्णवी सिंह बघेल की यह सफलता केवल एक परीक्षा में अच्छे अंक लाना नहीं है, यह समर्पण, सकारात्मकता और सामूहिक सहयोग की जीवंत मिसाल है। शहडोल को ऐसी बेटी पर गर्व है, जिसने यह दिखा दिया कि सपनों की ऊँचाई किसी शहर की सीमाओं से नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति और अनुशासन से तय होती है।


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