*जिला पंचायत में ड्रामा: ईमानदार CEO के खिलाफ सांसद का खेल, अपील खारिज कर धरने पर बैठे अपने ही सदस्य*
*सतना* – जिला पंचायत में सियासी उठापटक लगातार तेज होती जा रही है। जिले के सांसद अपने ही खेमे के 6-7 जिला पंचायत सदस्यों के साथ मिलकर सीईओ को हटाने की कोशिश में भोपाल पहुंचे थे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात की, लेकिन दोनों ने साफ तौर पर कहा कि “जिला पंचायत के सीईओ ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त हैं, हटाने का कोई कारण नहीं है।” इस तरह भोपाल से सांसद और उनके सहयोगियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
सांसद की अपील भी ठुकराई, क्या ये पूरा ड्रामा है?
भोपाल से लौटने के बाद सांसद ने अपने ही खेमे के इन सदस्यों से अपील की कि वे धरना-प्रदर्शन न करें। लेकिन सदस्यों ने इस अपील को भी ठुकरा दिया और जिला पंचायत परिसर में धरना दे डाला।
सियासी गलियारों में अब सवाल उठ रहे हैं – क्या वाकई सांसद विरोध रोकना चाहते थे या ये सब उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है?
स्थानीय लोग कह रहे हैं, “सांसद जी सांप भी मारना चाहते हैं और लाठी भी नहीं तोड़ना चाहते। एक ओर वे भोपाल में अपनी छवि बचा रहे हैं, दूसरी ओर यहां अपने ही लोगों से ड्रामा करवा रहे हैं।”
ईमानदार सीईओ से खफा क्यों हैं ये लोग?
सूत्रों का दावा है कि जिला पंचायत के सीईओ की ईमानदार और सख्त छवि भ्रष्टाचार में बाधा बन गई है। यही कारण है कि सांसद के करीबी सदस्य उन्हें हटाने पर अड़े हुए हैं। लेकिन भोपाल में प्रयास विफल होने के बाद अब धरना-प्रदर्शन के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।