📍 स्थान – ग्राम कल्लेह, विकासखंड जयसिंहनगर, जिला शहडोल (म.प्र.)
: Ram Singh Panika की फेसबुक पोस्ट पर आधारित विशेष खबर
संकलन=पत्रकार विनय (8349627682)
ग्राम कल्लेह का प्राथमिक विद्यालय, जो कि सन 1973 से संचालित है, आज 50 वर्षों बाद भी अपनी खुद की पक्की बिल्डिंग से वंचित है। यह विडंबना ही है कि आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी इस गाँव के बच्चे और शिक्षक बारिश के दिनों में डर के साए में शिक्षा प्राप्त करने को मजबूर हैं।
50 साल पुराना विद्यालय – अब भी “अस्थायी”
इस विद्यालय से 10 से अधिक शिक्षक सेवा दे चुके हैं और सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन विद्यालय की मूलभूत संरचना आज तक विकसित नहीं हो पाई। विद्यालय का संचालन कभी पंचायत भवन में, तो कभी किसी निजी भवन में किया गया। वर्तमान में विद्यालय एक निजी मकान में संचालित हो रहा है, जहाँ की हालत ऐसी है कि छत से पानी टपकता है, दीवारें गीली रहती हैं और फर्श पर पानी भर जाता है।
शिक्षा विभाग की अनदेखी और ग्रामवासियों की पीड़ा
ग्रामीण जनों ने ग्राम सभा, सीएसी, जनपद शिक्षा अधिकारी, और जिला शिक्षा अधिकारी तक कई बार लिखित में ज्ञापन सौंपा। इसके बावजूद शिक्षा विभाग की चुप्पी और उदासीन रवैया चिंता का विषय बन गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्रशासन की घोर लापरवाही है कि एक आधी सदी पुराना विद्यालय आज भी स्थायी भवन और आधारभूत सुविधाओं से वंचित है। यहाँ तक कि विद्यालय के आँगनवाड़ी केंद्र, किचन शेड और खेल मैदान की स्थिति भी जर्जर हो चुकी है, जिससे बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं।
अब प्रश्न यह उठता है – क्या इस 15 अगस्त को झंडा शासकीय भवन पर फहराया जाएगा या निजी घर की छत पर?
बच्चे जहाँ बरसात में पढ़ने को मजबूर हैं, वहीं आने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर भी ग्रामवासियों में भ्रम और नाराजगी है। क्या एक निजी मकान में संचालित विद्यालय में ध्वजारोहण होगा? क्या यही आज़ादी के 75 वर्षों के बाद की शिक्षा व्यवस्था है?
डॉ. मोहन यादव (मुख्यमंत्री), उदय प्रताप सिंह (लोकसभा सांसद), कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय को खुला पत्र
राम सिंह पनिका ने फेसबुक पर यह मामला उठाते हुए प्रदेश सरकार, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अपील की है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए और तत्काल स्थायी विद्यालय भवन का भूमि पूजन एवं निर्माण कार्य प्रारंभ हो।
> “शिक्षा का अधिकार काग़ज़ों पर नहीं, ज़मीन पर दिखाई देना चाहिए।” – ग्रामीणों की सीधी मांग
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📌 क्या सरकार इस 15 अगस्त पर केवल भाषणों में “शिक्षा का अधिकार” दोहराएगी या वाकई ज़मीनी बदलाव लाएगी?
फेसबुक पर इस जनसरोकार को आवाज़ देने वाले राम सिंह पनिका एवं ग्राम कल्लेह के सभी ग्रामीणों की मांगों को शासन-प्रशासन गंभीरता से सुने और यथाशीघ्र कार्रवाई करे।
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