पत्रकार कल्पना तिवारी
मऊगंज जिले के लौर थाना क्षेत्र में एक बार फिर से पशु तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। बीती रात 16 अगस्त 2025 को लगभग 1 बजे ग्राम पंचायत खैरा के आसपास खेतों की रखवाली कर रहे ग्रामीणों ने एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन (नंबर MP17G 3017) को संदिग्ध अवस्था में पहाड़ की ओर जाते देखा। ग्रामीणों की नजर पड़ते ही उन्हें शक हुआ कि वाहन में गौवंशों को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बिना समय गँवाए करीब तीन किलोमीटर तक पिकअप का पीछा किया। पीछा करने के दौरान वाहन चालक ने कई बार ग्रामीणों को कुचलने की कोशिश की, लेकिन युवाओं ने हिम्मत नहीं हारी और अंततः वाहन को रोकने में सफल रहे। जब ग्रामीणों ने पिकअप की तलाशी ली तो पाया कि अंदर कई गौवंशों को बेरहमी से रस्सियों से कसकर बांधा गया था। ग्रामीणों ने तत्काल सभी पशुओं को मुक्त कराया। मामले की जांच में सामने आया कि यह पिकअप वाहन मनिकवार निवासी संतोष गुप्ता का है, जिसे पहले भी गोकशी के लिए इस्तेमाल किए जाने की बातें सामने आती रही हैं। ग्रामीणों ने तत्काल डायल 100 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी और अधिकारियों से बात भी की, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी लौर पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। पुलिस की इस लापरवाही से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। रातभर इंतजार के बावजूद पुलिस नहीं आने पर ग्रामीणों ने ही पिकअप और गौवंशों को आजाद कराया और संतोष गुप्ता को कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया। अब ग्रामीणों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों हर बार लौर पुलिस ऐसे मामलों में चुप्पी साध लेती है। क्या वास्तव में पुलिस और गौ तस्करों के बीच कोई सांठगांठ है? ग्रामीणों का कहना है कि यदि इसी तरह पुलिस लापरवाह बनी रही तो अराजक तत्वों का मनोबल और बढ़ेगा और अराजकता का माहौल फैलना तय है। ऐसे में यह प्रशासन और कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है कि आखिर कब तक आम जनता को खुद ही कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

