5 लाख पशुपालकों को जारी की गई 364 करोड़ रुपए की अनुदान राशि

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मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में रजिस्टर्ड लगभग 5 लाख दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को एक साथ सात महीने की अनुदान राशि का भुगतान किया गया।

पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। इस कड़ी में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान सरकार की “मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना” में रजिस्टर्ड लगभग 5 लाख दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को एक साथ सात महीने की अनुदान राशि का भुगतान सोमवार 13 अक्टूबर को जेईसीसी में आयोजित एक समारोह में डीबीटी के माध्यम से किया गया।

पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि जनवरी-2025 से जुलाई-2025 तक का 364 करोड़ 47 लाख रुपए के अनुदान का हस्तांतरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबंल योजना के तहत दुग्ध उत्पादकों को सरस डेयरी से संबंधित दुग्ध समितियों को दूध बेचने पर प्रति लीटर 5 रुपए की अनुदान राशि सीधे उनके खातों में दी गई है। इससे लगभग 5 लाख पशुपालक किसानों को लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए राजस्थान सरकार ने बजट वर्ष 2025-26 में 650 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

24 जिलों के पशुपालकों के बैंक खातों में जारी की गई राशि
पशुपालन मंत्री ने बताया कि अजमेर जिले के दुग्ध उत्पादक किसानों को 40 करोड़ रुपए, अलवर के 18.36 करोड़ रुपए, बांसवाड़ा के 2.02 करोड़ रुपए, बारां के 50 लाख रुपए, बाड़मेर जिले के 62 लाख रुपए, भरतपुर जिले के 1.69 करोड़ रुपए, भीलवाड़ा के 46.19 करोड़ रुपए, बीकानेर के 11.9 करोड़ रुपए, चित्तौड़गढ़ के 12.1 करोड़ रुपए, चूरू के 2.55 करोड़ रुपए, जयपुर के 139 करोड़ रुपए, जैसलमेर के 1.41 करोड़ रुपए, जालोर के 4.17 करोड़ रुपए, झालावाड़ के 2.16 करोड़ रुपए तथा जोधपुर जिले के दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के लिए 10.68 करोड़ रुपए उनके खाते में डीबीटी किए गए हैं।

इसी तरह कोटा जिले के दुग्ध उत्पादक पशुपालक किसानों के लिए 8.60 करोड़ रुपए, नागौर के लिए 4.75 करोड़ रुपए, पाली जिले के लिए 10.82 करोड़ रुपए, राजसमंद जिले के लिए 3.41 करोड़ रुपए, सवाई माधोपुर के लिए 1 करोड़ रुपए, श्रीगंगानगर जिले के लिए 18.48 करोड़ रुपए, सीकर के लिए 7.9 करोड़ रुपए, टोंक के लिए 5.93 करोड़ रुपए तथा उदयपुर जिले के पशुपालकों के लिए 10.15 करोड़ रुपए उनके खातों में अनुदान राशि के रूप में ट्रांसफर की गई है।


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