शहपुरा: डिंडोरी जिले के शहपुरा नगर में स्थित पशु चिकित्सालय की हालत बेहद दयनीय और निराशाजनक है। यहां न तो चिकित्सक नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं, न ही पशुओं के इलाज की उचित व्यवस्था है। अस्पताल की स्थिति देखकर यह कहना मुश्किल है कि यह एक चिकित्सा संस्थान है या कोई पुरानी धरोहर।
अस्पताल भगवान भरोसे:
स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर पदस्थ हैं, लेकिन वे कभी-कभी ही आते हैं। यहां न तो उपयुक्त उपकरण हैं, न ही विशेषज्ञ चिकित्सक। अस्पताल में सिर्फ एक चपरासी ही अक्सर दिखाई देता है, जो पूछने पर यही बताता है कि “डॉक्टर साहब आज नहीं आए।”
पत्रकारों की पड़ताल:
जब पत्रकारों को इस लापरवाही की शिकायत मिली, तो उन्होंने शहपुरा पशु चिकित्सालय का दौरा किया। सुबह 10:00 बजे जब पत्रकारों की टीम वहां पहुंची, तो अस्पताल से सभी डॉक्टर नदारत मिले। केवल शिवनंदन दुबे, पशु एंबुलेंस के ड्राइवर, वहां मौजूद थे।
उपस्थिति पंजी में गड़बड़ी:
पत्रकारों ने अस्पताल में रखे उपस्थिति पंजी को जांचा, जिसमें पिछले 19 महीनों से पूरे स्टाफ की 100% उपस्थिति दर्ज थी। यह भी देखा गया कि रविवार और त्योहारों पर भी किसी ने छुट्टी नहीं ली थी। गुरुवार की उपस्थिति भी पहले से ही दर्ज थी, जो कि एक बड़ा घोटाला है।
झूठी हाजिरी और भ्रष्टाचार:
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब वे अपने मवेशियों का इलाज कराने आते हैं, तो उन्हें वहां कोई डॉक्टर नहीं मिलता। उपस्थिति पंजी में दर्ज झूठी हाजिरी यह दर्शाती है कि अस्पताल का स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है और भ्रष्टाचार में लिप्त है।
आवश्यक कार्यवाही:
इस गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार की जांच कराई जानी चाहिए। संबंधित अधिकारियों को तुरंत हस्तक्षेप कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि पशु चिकित्सालय की स्थिति सुधरे और पशुओं को उचित चिकित्सा सुविधा मिल सके।
शहपुरा पशु चिकित्सालय की यह स्थिति दर्शाती है कि किस तरह से लापरवाही और भ्रष्टाचार ने एक महत्वपूर्ण सेवा को बर्बाद कर दिया है। अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे तुरंत इस मामले में संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे और दोषियों को सजा देंगे।
