यस न्यूज ब्यूरो चीफ द्वारिका यादव की रिपोर्ट
उमरिया – जिला भर से आये गोंडवाना समाज के लोगो ने रानी दुर्गावती भवन मे दुर्गावती के चित्र पर हल्दी चावल बनदन पुष्पाहार से विनम्र श्रद्धांजलि देकर नगर मे रैली निकाली और दुर्गावती चौक पंहुच कर दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया पुनः भवन मे आकर सभा का आयोजन किया इस अवसर पर,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष बाला सिंह तेकाम ने कहा कि दुर्गावती बलिदान दिवस हमे गोंडवाना के गौरवशाली इतिहास को याद दिलाता है कि भारत मे गोंड शासन विशाल और वैभवशाली था जिसकी ओर दलपत शाह के जीवन काल तक कोई शासक आँख उठा कर देखने सोच नही सकता था।

52 गढो वाला विशाल गोडवाना साम्राज्य मे गोडो कि विशाल फौज थी जिसमे हजारों-हजार तीर धनुष से सुसज्जित पैदल से सेना उसी तादत मे घुड़सवार और हाथी दल था।
दलपत शाह के असमय निधन के पश्चात रानी दुर्गावती के शासन सम्हालते ही मालवा तरफ से बाजबहादुर और दिल्ली की ओर से अकबर के खास सलाहकार बैरम खां सक्रिय हुये गोडवाना पर कब्जा करना चाहे रानी दुर्गावती ने 52 लडाई लडी और 51 जीती अन्ततः 52 वे लडाई मे परास्त होने के पहले अपने ही कटार से जीवन लीला समाप्त करली और सदा के लिए अमर हो गई।
1524 मे जन्मी दुर्गायती 1564 मे शहीद हो गई कुल 40 वर्ष जीवन मे दुनियाभर के सामने मिशाल हो गई इस अवसर पर गोडवाना महासभा के जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह धुर्वे बरीष्ठ नेता आधार सिंह परस्ते ने अपने विचार रखे सभा का संचालन सुन्दर सिंह एव मान सिंह ने किया।
