फोटो प्रतीकात्मक है।
मंडला, बीजाडांडी:
बीजाडांडी में स्थित वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को हर माह अपने स्वास्थ्य जांच के लिए बीजाडांडी अस्पताल जाना पड़ता है। यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि वृद्ध लोग चलने-फिरने में असहाय होते हैं और उन्हें अस्पताल तक लाने-ले जाने की व्यवस्था भी वृद्धाश्रम संचालक नहीं कर रहे हैं। नियमानुसार, डॉक्टर को वृद्धाश्रम आकर सभी बुजुर्गों का हर माह स्वास्थ्य परीक्षण करना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं करते।
बीजाडांडी में संचालित वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को हर माह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीजाडांडी अस्पताल जाना पड़ता है। इस वृद्धाश्रम में रह रही एक बुजुर्ग महिला पिछले तीन दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीजाडांडी में अपना इलाज करा रही है। लेकिन आश्रम संचालक का आज दिनांक तक कोई पता नहीं चला है। यह महिला पैर से अपाहिज है और उसे चलने-फिरने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिनों से यह महिला आश्रम में नहीं है, लेकिन किसी को उसकी परवाह नहीं है।

वृद्धाश्रम के कुछ लोगों ने बताया कि पहले कुछ समय के लिए डॉक्टर यहां आते थे, लेकिन वे अपने साथ सभी उपकरण और प्राथमिक उपचार के लिए दवाएं नहीं लाते थे। जबकि डॉक्टरों को अपने साथ कुछ दवाएं साथ में लानी चाहिए। इस वजह से यहां सिर्फ जांच होती थी और वृद्धों को पर्याप्त इलाज नहीं मिलता था। इसके बाद धीरे-धीरे डॉक्टरों ने यहां आना बंद कर दिया।
पत्रकारिता के विचार :
यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है कि हमारे समाज के वृद्धजन, जो पहले से ही असहाय होते हैं, उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में और अधिक कष्ट उठाने पड़ते हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या की ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम अपने वृद्धजन की देखभाल करें और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार प्रदान करें।
**जिला संवाददाता: फिरदौस खान (मंडला)**
