“मुरैना के ग्राम तोर कुभं में सड़क निर्माण के नाम पर शुरू हुआ ‘पानी का खेल’, ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी से की तत्काल मदद की अपील!”

इस न्यूज़ को शेयर करे


मुरैना, मध्यप्रदेश:

एक साल पहले ग्राम तोर कुभं में सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन अब वही सड़क गांववासियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है। सरपंच द्वारा अधूरा छोड़ दिया गया सड़क निर्माण कार्य अब जलभराव का कारण बन गया है, जिससे मोहल्ले के रास्तों पर पानी का समंदर बह रहा है। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ गई है, और अब गांववासियों को अपना घर छोड़ने तक की नौबत आ गई है।

ग्रामीणों ने दिया ‘पानी-पानी’ हाल:

ग्रामवासियों का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान नाली निर्माण का कार्य आधे-अधूरे तरीके से छोड़ दिया गया था, जिससे पूरी गली में पानी का निकास रुक गया। नतीजतन, हर बारिश के बाद घरों के सामने पानी जमा हो जाता है, और आने-जाने का रास्ता भी बंद हो जाता है। लोग रास्ते में जलभराव के कारण फिसलकर गिरने तक लगे हैं। क्या यही सड़क निर्माण का उद्देश्य था, जो अब गांववासियों के लिए सिरदर्द बन गया है?



सरपंच की जिम्मेदारी पर सवाल:

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच द्वारा सड़क निर्माण का कार्य आधे रास्ते में छोड़ दिया गया, जिससे न केवल सड़क का काम अधूरा पड़ा है, बल्कि गांववासियों के लिए आने-जाने का रास्ता भी दूभर हो गया है। गली में पानी के भराव के कारण वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

अनुविभागीय अधिकारी से मदद की अपील:

ग्रामवासियों ने अब अनुविभागीय अधिकारी से इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। उन्होंने निवेदन किया है कि सरपंच के खिलाफ मामले की जांच की जाए और अधूरे पड़े सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाए। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की जाती, तो बरसात के कारण स्थिति और भी खराब हो सकती है, और समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

क्या होगा प्रशासन का जवाब?

अब सवाल ये है कि प्रशासन इस ‘पानी-पानी’ समस्या से निपटने के लिए कब कदम उठाएगा? क्या प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा और ग्रामवासियों को राहत देगा, या फिर यह समस्या यों ही अनदेखी की जाएगी?

ग्रामवासी उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन शीघ्र इस मामले का संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि उनकी दिनचर्या फिर से सामान्य हो सके और पानी की समस्या का समाधान हो सके।

इस दिलचस्प कहानी में अब देखना होगा कि प्रशासन का ‘नाली’ में डूबे हुए गांववासियों के लिए क्या होता है अगला कदम!

ये रहे उपस्थित

उक्त ज्ञापन देते समय सोमेश आजाद भीम आर्मी ASPK अंबाह विकाश, मायाराम, संजीत, सीता, अजय एवं गांव के बुजुर्ग और महिलाएं मौजूद थे।


इस न्यूज़ को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *