📍 अनूपपुर, मध्यप्रदेश | दिनांक: 7 जुलाई 2025
आदिवासी अंचल के छात्रों की शैक्षणिक सुविधा को लेकर एक अहम कदम उठाते हुए आदिवासी छात्र संगठन (मध्यप्रदेश) ने पुष्पराजगढ़ महाविद्यालय की आधारभूत समस्याओं को लेकर मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री के नाम एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है। यह ज्ञापन संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रोहित सिंह मरावी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), पुष्पराजगढ़ के माध्यम से सौंपा गया।
डॉ. मरावी ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि पुष्पराजगढ़ महाविद्यालय का नवीन भवन निर्माण के पश्चात अब कॉलेज राजेन्द्रग्राम मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर लांघाटोला क्षेत्र में संचालित हो रहा है। हालांकि भवन तैयार हो चुका है, परंतु कॉलेज तक पहुंचने का मार्ग अत्यंत जर्जर और असुविधाजनक है।
उन्होंने बताया कि लांघाटोला मुख्य सड़क से कॉलेज तक का लगभग 2 किलोमीटर रास्ता कच्चा है, जो वर्षा ऋतु में कीचड़युक्त होकर आवागमन लायक नहीं रहता। इससे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में भारी कठिनाई होती है, और कई बार वे कॉलेज जाना ही छोड़ देते हैं।
📢 संगठन की प्रमुख माँगें:
1. लांघाटोला मेन रोड से कॉलेज भवन तक पक्की सड़क का शीघ्र निर्माण कराया जाए।
2. राजेन्द्रग्राम से महाविद्यालय तक नियमित बस सेवा प्रारंभ की जाए, जिससे छात्र सुरक्षित एवं समय पर कॉलेज पहुँच सकें।
डॉ. मरावी ने कहा कि क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। ऐसे में यह अवसंरचनात्मक कमी छात्रों के भविष्य पर गंभीर असर डाल रही है। उन्होंने शासन से अपील की कि वह इस विषय पर तत्काल संज्ञान ले और कार्यवाही सुनिश्चित करे।
📌 ज्ञापन प्रस्तुत करने वाले:
ज्ञापन सौंपते समय आदिवासी छात्र संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रोहित मरावी, डिंडोरी जिला अध्यक्ष महेश सिंह, सिंह, वंदना सिंह,भूपेंद्र सिंह,संतोष कुमार उईके युवा छात्र नेता( डिंडोरी) पुष्पराजगढ़ महाविद्यालय, कमलेश सिंह परस्ते, संदीप आर्मो, सरस्वती ओडाली, शशी सिंदराम, सुहानी, जितेंद्र खांडे, सागर धुर्वे, वरुण बंजारा, मनमोहन यादव, आरू जायसवाल,कुंजन परस्ते, पुस्पराज, संगीता वारले, करिश्मा, चौदर सिंह, सुरजभान सिंह, बसंत यादव, दीपक कनौजिया, संदीप कुमार मसराम, लवकेश सिंह बंजारा, सुरेंद्र आर्मों, सुकरात भाई, यसपाल सिंह मरावी समेत तमाम सैकड़ों छात्र उपस्थिति रहे।
यह ज्ञापन क्षेत्रीय छात्रों की आवाज़ बनकर सामने आया है। यदि शासन स्तर पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन ने संकेत दिए हैं कि वे व्यापक जन आंदोलन की राह भी चुन सकते हैं।
