पोरसा। पत्रकार विनय द्वारा रूपांतरित खबर।
शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है, और यह शिक्षा कभी भी बंटवारा नहीं होती। यह शब्द एसडीएम श्री रामनिवास सिंह सिकरवार ने आज स्वर्गीय श्री मुरारी लाल उपाध्याय जी की स्मृति में आयोजित पुरस्कार वितरण एवं वार्षिकोत्सव के मौके पर कहे। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे अपनी पढ़ाई को मन लगाकर करें, क्योंकि मन लगाकर पढ़ाई करने से ही अच्छे अंक हासिल होते हैं और मेधावी छात्र के रूप में उनका चयन होता है। मेधावी छात्रों का सम्मान उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाता है।
शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बोले एसडीएम:
एसडीएम ने कहा कि शिक्षा वह वस्तु है जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए सहायक होती है और यह ऐसी चीज है जिसका कभी भी बंटवारा नहीं हो सकता। शिक्षा के माध्यम से बच्चों का भविष्य बेहतर बनता है, और यह बड़ी उम्र में उनके लिए बहुपरकारी साबित होती है। शिक्षा से ही समाज और देश की प्रगति संभव है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति:
आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एसडीएम श्री रामनिवास सिंह सिकरवार ने भाग लिया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदीप उपाध्याय ने की। विशिष्ट अतिथियों में पूर्व विधायक श्री सत्यप्रकाश सखवार, समाजसेवी नीति शर्मा, प्रीती कटारे समिति की अध्यक्ष पुष्पा उपाध्याय, डॉ. बिलकेश शर्मा, संदीप परमार, विद्यालय संचालक प्रदीप उपाध्याय, संदीप उपाध्याय, प्राचार्य मीनाक्षी पुरोहित, अंजली उपाध्याय, अनुपमा उपाध्याय, कविता गुप्ता, रेखा गोयल, प्रांशी गोयल, मुकेश उपाध्याय, श्याम सुंदर शर्मा, आशीष शुक्ला, अंजली ओझा, नीरज ओझा और सलोनी तोमर उपस्थित थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों ने किया समाज जागरूक :
इस कार्यक्रम में बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। नृत्य और नाटक के माध्यम से बच्चों ने पर्यावरण के महत्व और देश की रक्षा के विषय में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। एक जीवन्त नाटक के द्वारा बच्चों ने आजादी और देश की सुरक्षा पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिससे सभी उपस्थित अतिथि काफी प्रभावित हुए।
इस कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से प्रदीप उपाध्याय, संदीप उपाध्याय, मीनाक्षी पुरोहित, अंजली उपाध्याय, अनुपमा उपाध्याय, कविता गुप्ता, रेखा गोयल, प्रांशी गोयल, मुकेश उपाध्याय, श्याम सुंदर शर्मा, आशीष शुक्ला, अंजली ओझा और नीरज ओझा ने किया।
कार्यक्रम ने बच्चों को अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने के लिए प्रेरित किया।