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पोरसा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। धनेटा बंबा से छोटी कोथर तक बनाई जा रही बाइपास सड़क निर्माण में भारी लापरवाही का मामला सामने आया है। ठेकेदार द्वारा बिना आवश्यक अर्थवर्क (भूमि की परतें तैयार करना) कराए ही केवल गिट्टी बिछाकर निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। यह देखकर स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने निर्माण कार्य पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विरोध के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच की, जिसमें ग्रामीणों की शिकायतें सही पाई गईं।
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मामले की पूरी तस्वीर:
धनेटा बंबा से छोटी कोथर तक लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी थी, जो पोरसा को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण बाइपास है। इसका सीधा लाभ क्षेत्रीय जनता को मिलना था, लेकिन निर्माण कार्य की हकीकत कुछ और ही निकली। ठेकेदार ने केवल 500 मीटर तक सड़क पर गिट्टी डालने के बाद काम रोक दिया।
ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे तो पाया कि सड़क पर मात्र गिट्टी की एक परत बिछाई गई है, ना तो मिट्टी डाली गई, ना बजरी, और ना ही कोई रोलर चलाया गया। जबकि डामर की सड़क निर्माण में कम से कम तीन लेयर (मिट्टी, गिट्टी और डब्ल्यूबीएम) का अर्थवर्क अनिवार्य होता है।
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ग्रामीणों का गुस्सा और आरोप:
गांव वालों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि—
🗣️ अंशुल सिंह तोमर, निवासी छोटी कोथर ने कहा:
“सिर्फ गिट्टी डालकर काम बंद कर दिया गया है, जबकि डामर की सड़क के लिए पूरा अर्थवर्क होना जरूरी होता है।”
🗣️ मोनू सिंह तोमर, स्थानीय रहवासी ने बताया:
“पूरी सड़क पर न मिट्टी है, न बजरी। हमने इस मामले को विधायक तक पहुंचाया है।”
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ठेकेदार आगे की जमीन को विवादित और निजी बताकर काम बंद कर चुका है।
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पीडब्ल्यूडी का निरीक्षण और प्रतिक्रिया:
ग्रामीणों के विरोध के बाद पीडब्ल्यूडी के एसडीओ लक्ष्मीनारायण गुप्ता मौके पर पहुंचे और खुदाई कराकर लेयर की जांच करवाई। जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि कोई लेयर मौजूद नहीं थी, केवल गिट्टी की एक पतली परत बिछाई गई थी।
🔍 एसडीओ लक्ष्मीनारायण गुप्ता ने कहा:
“इस सड़क में ठेकेदार ने अब तक कोई भुगतान नहीं लिया है। यह सड़क अधूरी नहीं छोड़ी जाएगी। जरूरत पड़ी तो सीमांकन कर निजी भूमि को भी कवर किया जाएगा।”
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चिंता का विषय:
इस मामले ने एक बार फिर सरकारी ठेकेदारों की कार्यशैली और निर्माण में लापरवाही को उजागर कर दिया है। सड़कें क्षेत्र की जीवनरेखा होती हैं और यदि शुरुआत में ही गुणवत्ता से समझौता किया जाएगा, तो ये सड़कें जल्द ही उखड़ जाएंगी और आमजन को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
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ग्रामीणों की मांग:
निर्माण कार्य की पुनः जांच कर उचित कार्यवाही हो
ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए
सड़क निर्माण गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण किया जाए
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पोरसा क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपने सामूहिक प्रयास और जागरूकता से एक गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी तेजी और पारदर्शिता से कार्रवाई करता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
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