मुरैना, 15 जुलाई 2025 —
ग्राम पंचायत रायपुर (जनपद पंचायत पोरसा) में पदस्थ सचिव ओमवीर सिंह एवं सहायक सचिव उग्र शर्मा के खिलाफ ग्रामवासियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों अधिकारी पिछले कई वर्षों से पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और मनमाने ढंग से पंचायत कार्यों का संचालन कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप: “काम हमारे हिसाब से होगा, चाहे कहीं चले जाओ”
ग्रामीणों ने बताया कि सचिव ओमवीर सिंह विगत आठ वर्षों से रायपुर पंचायत में पदस्थ हैं, लेकिन वे पंचायत मुख्यालय पर निवास न कर अम्बाह से काम संचालित करते हैं। वहीं, सहायक सचिव उग्र शर्मा पोरसा के जोटई रोड से कार्यभार संभालते हैं। इन दोनों अधिकारियों पर मनमाने ढंग से प्रस्ताव तैयार कर वर्क कोड बनाकर कार्य स्वीकृत करने के आरोप लगे हैं, जिसमें ग्रामवासियों की कोई राय नहीं ली जाती।
ग्रामीणों ने एक ताजा घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 8 जुलाई 2025 को जब वे सामूहिक रूप से अपनी शिकायत लेकर सचिव और सहायक सचिव के पास पहुंचे, तो दोनों ने बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा —
“कलेक्टर, मंत्री या बल्लभ भवन चले जाओ, हम काम अपने हिसाब से ही करेंगे।”
इस व्यवहार से क्षुब्ध ग्रामीणों ने सीईओ जनपद पोरसा से शिकायत की, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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फर्जी जॉब कार्ड और भ्रष्टाचार का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सचिव और सहायक सचिव द्वारा “वाटर बैंड योजना” के अंतर्गत मशीनों से कार्य कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इसके अतिरिक्त, फर्जी खातों के ज़रिए जॉब कार्ड जारी कर राशि निकालने का आरोप भी लगाया गया है। बताया गया कि वर्ष 2022-23 और 2023-24 में फर्जी जॉब कार्ड के कारण दोनों अधिकारियों पर “नोटिस जारी” किया गया था, परन्तु जिला पंचायत के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यवाही को दबा दिया गया।
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“ग्राम पंचायत को जेब में रख लिया है” — ग्रामीणों का गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि दोनों अधिकारी पंचायत को अपनी निजी संपत्ति की तरह संचालित कर रहे हैं। पंचायत को “जेब में रख लेना” जैसी टिप्पणियाँ प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं। ग्राम कोथरकला से जुड़े खातों के उपयोग कर राशि निकासी करना भी आरोपों में शामिल है।
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मांग: तत्काल निष्पक्ष जांच और सख्त कार्यवाही
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए रिकॉर्डिंग और वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं, जिसमें अधिकारियों की कथित अनियमितताओं का विवरण है। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर दोनों अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।