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रसमोहिनी (शहडोल)।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के तत्वावधान में आयोजित खंड स्तरीय ‘गुरु वंदन कार्यक्रम’ विकासखंड बुढार के सीमावर्ती आदिवासी बालक आश्रम, साखी में गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। यह स्थल छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की सीमा से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां दुर्गमता के बावजूद शिक्षक समुदाय की मजबूत उपस्थिति देखने को मिली।
कार्यक्रम का आयोजन विकासखंड इकाई बुढार, तहसील इकाई बुढार और तहसील इकाई जैतपुर के संयुक्त सहयोग से किया गया।
🔹 मां सरस्वती के पूजन से आरंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से की गई। इसके पश्चात भगवान गणेश और गुरु वशिष्ठ का पूजन-अर्चन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई।
🔹 सेवानिवृत्त शिक्षकों को भावभीना सम्मान
विकासखंड बुढार के चार सेवानिवृत्त शिक्षकों — डॉ. शिव कुमार मिश्रा, मनोज कांत शर्मा, कमलेश कुमार मिश्रा और ददुआ सिंह को शाल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। अपने उद्बोधनों में सभी सम्मानित शिक्षकों ने शिक्षा, अनुशासन और गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर प्रकाश डाला।
🔹 गुरु की गरिमा पर केंद्रित रहा संवाद
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विनोद कुमार सिंह (जिला सचिव, मध्य प्रदेश शिक्षक संघ शहडोल) ने कहा कि गुरु का महत्व भारतीय वेदों और ग्रंथों में सर्वोच्च बताया गया है, परंतु समय के साथ यह संबंध कमजोर पड़ा है। यह विघटन औपनिवेशिक शिक्षा पद्धति के कारण आया, जिसे आज फिर से जोड़ने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक संघ द्वारा हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के आसपास ‘गुरु वंदन’ कार्यक्रम का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जाता है ताकि समाज में माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना पुनर्स्थापित हो सके।
🔹 राष्ट्रहित को प्राथमिकता देता संगठन
संभागीय अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मध्य प्रदेश शिक्षक संघ एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाला संगठन है, जो शिक्षा, छात्र और शिक्षक हितों के साथ-साथ राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संगठन कभी किसी शिक्षक से उनके कर्तव्यों से हटकर संगठन का कार्य नहीं करवाता, बल्कि विद्यालयीन दायित्वों के बाद ही संगठनात्मक भूमिका निभाने की अपेक्षा करता है।
उनके अनुसार—
> “हमारी मांगें केवल न्यायपूर्ण कार्य के बाद ही होती हैं। देशहित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम।”
🔹 नव नियुक्त शिक्षकों और पुरानी पेंशन पर पहल
प्रांतीय सचिव एवं संभाग प्रभारी महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक ही समाज की रीढ़ हैं। उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षकों की चतुर्थ क्रमोन्नति संबंधी आदेश शीघ्र जारी होंगे और संगठन पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में भी लगातार प्रयासरत है।
🔹 सम्मान, कविता और संकल्प की त्रिवेणी
जिला अध्यक्ष लालजी तिवारी ने गुरु वंदन के गीतों और कविताओं के माध्यम से सभा को भावविभोर कर दिया।
जिला संगठन मंत्री रितेश कुमार श्रीवास्तव ने आयोजन समिति — जितेंद्र कुमार तिवारी, विश्वनाथ त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह कर्चुली, सीमा सिंह, हरिलाल सिंह, सत्यप्रकाश मिश्रा, प्रेमानंद सिंह, उदय सिंह और अन्य सभी साथियों की प्रशंसा की, जिन्होंने दूरस्थ वनवासी क्षेत्र में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
🔹 वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के अंत में ‘एक पेड़ मां के नाम’ प्रकल्प के तहत आश्रम परिसर में फलदार और छायादार पौधों का रोपण किया गया और उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया।
🔹 उपस्थित अतिथि व सहभागिता
कार्यक्रम में जिला कोषाध्यक्ष मीला मार्को, माडल प्राचार्य भठिया सिद्दीक़ी, सी. एल. गुप्ता, तहसील सचिव किरण गुप्ता, माया जयलाल, पन्ने लाल सिंह, प्रधानाध्यापक मनमोहन सिंह, शारदा सिंह, मोहम्मद फारूख, संकुल प्राचार्य साखी, जन शिक्षक राम चरण सिंह, प्रमोद कुमार कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।
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वर्तमान समय में जब गुरु-शिष्य संबंधों की गरिमा क्षीण होती जा रही है, ऐसे आयोजनों से न केवल मूल्यों की पुनर्स्थापना होती है, बल्कि नई पीढ़ी को नैतिक शिक्षा की दिशा में प्रेरणा भी मिलती है।