खुद थी अपनी गुमशुदगी की मास्टरमाइंड: GRP का बड़ा खुलासा,

कटनी की रहने वाली और सिविल जज बनने की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी, जो बीते 12 दिनों से लापता थीं, आखिरकार नेपाल सीमा से सुरक्षित बरामद कर ली गई हैं। इस मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब भोपाल GRP ने खुलासा किया कि यह कोई अपहरण या हादसा नहीं था, बल्कि अर्चना खुद ही अपनी गुमशुदगी की मास्टरमाइंड निकलीं
रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने प्रेस को बताया कि अर्चना ने जानबूझकर यह पूरा नाटक रचा था। घरवालों द्वारा जबरन शादी तय किए जाने से परेशान होकर उन्होंने फरारी की योजना बनाई
🚉 ट्रेन से नेपाल की ओर
7 अगस्त की रात अर्चना इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस से रवाना हुई थीं।
ट्रेन में B3 कोच में यात्रा करते समय इटारसी के पास उन्होंने ट्रेन छोड़ दी।
अपने मोबाइल और बैग को ट्रेन में ही छोड़कर, उन्होंने गुमशुदगी का नाटक रचा।
इसके बाद वो सारांश जैन नाम के युवक और ड्राइवर तेजिंदर के साथ कार में नेपाल की ओर रवाना हुईं।
रूट चुना गया था कुछ इस तरह से कि कहीं भी CCTV, टोल प्लाजा या पुलिस चेकिंग में पकड़े न जाएं। रास्ते में इन्होंने शुजालपुर, बुरहानपुर, हैदराबाद, दिल्ली और जोधपुर जैसे शहरों से होते हुए काठमांडू (नेपाल) तक सफर तय किया
नेपाल में कई दिनों तक रहने के बाद पुलिस की तकनीकी निगरानी में अर्चना की लोकेशन नेपाल सीमा के पास लखीमपुर खीरी (UP) में मिली
पुलिस ने फोन कॉल के ज़रिए संपर्क कर अर्चना को वापस बुलाया, जिसके बाद उन्हें पकड़कर भोपाल लाया गया
=टीम अलग नजर=
( 20 अगस्त 2025 बुधवार )
