लगभग आधा करोड़ के लागत से बनी पानी की टंकी जर्जर, पीएच्ई उपमंत्री, ठेकेदार के मिली भगत से लगाया पलीता,
दुलीचंद मार्को की रिपोर्ट
निवास/मंडला: आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला या ग्रामीण अंचलों में सरकार के महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन, नल-जल योजना का चर्चा जोरों से चल रही है साथ ही सोशल मिडिया में निरंतर खबरें भी प्रकाशित होते हैं कि नल-जल योजना के अंतर्गत पूरे जिले व ग्रामीण अंचलों में चल रहे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन या विगत वर्षों से कार्य अपूर्ण पड़ा हुआ है। आपको बता दें पूर्व में जनपद पंचायत निवास में सामान्य सभा बैठक दौरान प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया था। प्रेस विज्ञप्ति लेख के मुताबिक भ्रष्टाचार की पोल खुली रही है, लगभग 25 करोड़ 45 लाख की लागत से जल ग्रहण मिशन की निवास पी.एच.ई.एस.डी.ओ. उपमंत्री, ठेकेदारों के मिलीभगत लगाया पलीता, कमीशनखोरी हुई जमकर।

उन्होंने कहा शासन की महत्वाकांक्षी योजना जिसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। लेकिन पी.एच.ई.निवास के द्वारा ठेकेदारों की मिली भगत से करोड़ों के बारे न्यारी कर दिए गए हैं। योजनाएं जहां के कहां ठप्प पड़ी रह गई है, वहीं पानी की टंकियों में घटिया मटेरियल अमानत स्थिति में बनाई जा रही है, वर्ष पूर्ण होने के बाद भी कार्य जमीनी स्तर पर ही रह गया है। इसी तरह स्कूलों, आंगनवाड़ियों में शुद्ध पेयजल हेतु निविदा हुई जिसमें हैंडपंप निकाल कर पंप डाल दिए गए, जिससे एक बूंद पानी नहीं निकला ड्राई बोरों में पंप डाल दिए गए, तथा घटिया पाइप लगाकर ताईं तोप कर दिया गया है। और शिक्षक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से ठेकेदार व विभाग के जिम्मेदार द्वारा पूर्णतः प्रमाण पत्र ले लिए गए, करोड़ों खर्च होने के बाद भी शैक्षिक संस्थाएं बाहर से पेयजल मंगाकर बच्चों को पानी पिला रहे हैं। जुगाड़ के घटिया मटेरियल से टंकिया बनाई दी गई है वह भी सब जर्जर स्थिति में है। और नवीन नल जल योजनाएं एवं रेट्रो फिटिंग में विभाग एवं ठेकेदारों के द्वारा किए गए भ्रष्ट कार्यों व गुणवत्ता विहीन कार्यों की समीक्षा जनपद पंचायत निवास सामान्य सभा में उपस्थित जनपद सदस्यों ने उक्त कार्यों की जांच हेतु शासन से मांग की है। उक्त समस्त व्यापक भ्रष्टाचार खेल में उपमंत्री साहू तथा एसडीओ पी.एच.ई.निवास को तत्काल हटाते हुए जांच की मांग की गई है।
दरअसल ग्राम पंचायत बस्तरी के पोषक ग्राम बस्तरा में पानी टंकी निमार्ण कार्य का मामला सामने आया है ग्रामीणों बताया विगत महिनों से निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया है परन्तु निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन और घटिया किस्म के मटेरियल का उपयोग किया गया, साथ ही सीमेंट लोहा रेत बहुत ही कम मात्रा में लगाने से छत फट चुकी है पानी रिसाव की सम्भावना बनी हुई है, सीडी के खंबे भी हिल रहें हैं। और तो और पानी तराई बिल्कुल भी नहीं किया गया है। सूत्रों के पता चलता है कि ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा रेत सीमेंट लोहा अन्य दारू, मुर्गा में ही बेच देते थे। और विभाग के जिम्मेदारों काम के दौरान कोई अता-पता नहीं रहा है तो कभी साईड में भी नहीं आए थे। ग्रामीणों का मांग है यह पानी टंकी निर्माण कार्य का जांच होना चाहिए अगर जांच में सिद्ध पाया जाता है तो जिम्मेदारों के उपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाए, साथ ही पुनः टंकी निर्माण कराया जाए लीपा-पोती में काम नहीं चलेगा।
