### शिक्षकों की लापरवाही से छात्र बेहाल
**बजाग की स्थिति:**
विकासखंड बजाग के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला में शिक्षकों की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है। शिक्षकों का विद्यालय में मनमाने समय पर आना-जाना जारी है, जिससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यह समस्या नई नहीं है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही है।
**बच्चों की विवशता:**
छात्र प्रतिदिन समय से पहले स्कूल पहुंचते हैं और चाबी लाकर ताला खोलते हैं। पांचवीं कक्षा के छात्र सालू ने बताया कि शिक्षकों के देरी से आने के कारण उन्हें खुद चाबी लाकर ताला खोलना पड़ता है। अक्सर बच्चे गेट पर इंतजार करते हुए पाए जाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का समय नष्ट हो रहा है।
**शिक्षा विभाग के निर्देश:**
शिक्षा विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि अनुपस्थित शिक्षकों को निलंबित किया जाए और उनकी वेतन वृद्धि रोकी जाए। बावजूद इसके, इन निर्देशों का कोई प्रभाव शिक्षकों पर नहीं दिख रहा है।
**छात्रों पर प्रभाव:**
इस लापरवाही का सीधा असर छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है। पढ़ाई न होने से उनका शैक्षणिक विकास बाधित हो रहा है, जो उनके भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। नियमित पढ़ाई न होने के कारण बच्चे अपनी पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं।
**स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:**
बीआरसी बजाग के ब्रजभान सिंह गौतम ने कहा कि उन्होंने जनशिक्षक को सूचना दे दी है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
**समस्या का समाधान:**
वर्तमान में विद्यालय में केवल एक शिक्षिका हैं, जिन्हें पांच कक्षाओं का भार संभालना पड़ता है। यह अव्यवहारिक है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। स्कूल में अधिक शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक है ताकि बच्चों को सही शिक्षा मिल सके और शिक्षिका पर से भार कम किया जा सके।
**पत्रकार आकलन:**
इस गंभीर समस्या पर शिक्षा विभाग को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके। अधिक शिक्षकों की नियुक्ति और सख्त अनुशासन की आवश्यकता है।
यह स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा के लिए खतरा है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की खामियों को भी उजागर करती है। समय पर कार्रवाई से ही इस समस्या का समाधान संभव है। शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर इस समस्या को सुलझाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
