**कजलास, मध्यप्रदेश**—ग्राम पंचायत कजलास में सरपंच बाबूलाल जाटव पर पत्रकार विशाल उर्फ कुमेर सिंह आंवले ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आंवले का कहना है कि जब वे ग्राम पंचायत में कवरेज के लिए पहुंचे, तो सरपंच ने न केवल उनके साथ हाथापाई की, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और इसे लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
### घटना की पूरी जानकारी
पत्रकार विशाल आंवले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब उन्होंने ग्राम पंचायत कजलास में कुछ खबरें कवरेज करने की कोशिश की, तो सरपंच बाबूलाल जाटव ने उनके साथ झूमाझटकी की। आंवले के अनुसार, सरपंच ने उन्हें खुलेआम जान से मारने की धमकी दी और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद उन्होंने शासन और प्रशासन पर सवाल उठाए कि वे पत्रकारों के हित में कितने गंभीर हैं, जब इस तरह की घटनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
### सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
कुछ दिन पहले, ग्राम के निवासी आत्माराम खंडेलवाल के पुत्र भीमसेन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया था। वीडियो में भीमसेन ने आरोप लगाया था कि सरपंच बाबूलाल जाटव उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस वीडियो के चलते पत्रकार विशाल आंवले ने कजलास में कवरेज के दौरान सरपंच की दबंगई का सामना किया।
### पुलिस की कार्रवाई
जावर थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि पत्रकार की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
### भारतीय कानून के तहत पत्रकारों के अधिकार
भारतीय कानून के तहत, पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने का अधिकार प्राप्त है। संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत, पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, पत्रकारों के साथ मारपीट, धमकी या किसी प्रकार की हिंसा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई की जाती है। IPC की धारा 323 और 506 के तहत, मारपीट और धमकी देने के मामलों में कार्रवाई की जाती है।
### पत्रकार की प्रतिक्रिया
पत्रकार विशाल आंवले ने इस घटना के बाद कहा कि वे कानून के मुताबिक अपनी सुरक्षा और न्याय की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन को तुरंत और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आंवले ने आष्टा जनपद सीईओ से भी अपील की है कि सरपंच बाबूलाल जाटव पर तुरंत निलंबन की कार्रवाई की जाए और ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाए, जो अपने पद का दुरुपयोग कर पत्रकारों और आम जनता को धमकाते हैं।
इस मामले के जरिए पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में प्रशासन और कानूनी व्यवस्था की जिम्मेदारी पर एक बार फिर प्रकाश डाला गया है।
