📍 भोपाल | 18 जून 2025
शिक्षा का अधिकार तभी सार्थक होता है जब हर वर्ग तक उसकी पहुँच हो। इसी सोच के साथ भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के छात्रों के लिए “प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना” चलाई जा रही है, जो कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को शिक्षा में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
यह योजना उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं और शिक्षा के अवसरों से वंचित रह जाते हैं। छात्रवृत्ति के तहत विद्यार्थियों को वार्षिक आधार पर सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिससे वे स्कूल की आवश्यकताओं जैसे—पुस्तकें, स्टेशनरी, वर्दी, और परिवहन इत्यादि का खर्च वहन कर सकें।
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📌 योजना की मुख्य विशेषताएं:
लक्ष्य समूह:
अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के विद्यार्थी, कक्षा 1 से 10 तक।
छात्रवृत्ति की राशि:
कक्षा 1 से 5: ₹100 प्रतिमाह (10 माह तक)
कक्षा 6 से 8: ₹150 प्रतिमाह
कक्षा 9 व 10: ₹200 प्रतिमाह + ₹750 की वार्षिक किताब एवं स्टेशनरी सहायता
(राशि राज्यों द्वारा परिवर्तित की जा सकती है)
अन्य लाभ:
वर्दी, पाठ्यपुस्तकें, परीक्षा शुल्क, परिवहन व्यय आदि का वहन भी कुछ राज्यों में किया जाता है।
पात्रता:
विद्यार्थी ST वर्ग से हों
पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक न हो
किसी अन्य छात्रवृत्ति का लाभ न ले रहे हों
आवेदन प्रक्रिया:
ऑनलाइन आवेदन राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल https://scholarships.gov.in के माध्यम से किया जाता है। साथ ही, मध्य प्रदेश के छात्र राज्य सरकार के MP Scholarship Portal 2.0 से भी आवेदन कर सकते हैं।
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🗣️ जनजातीय समुदाय में जागरूकता की जरूरत
अधिकांश ग्रामीण और वनवासी क्षेत्रों में आज भी कई ST छात्र इस योजना से अनभिज्ञ हैं। सामाजिक संगठनों और शिक्षकों की भूमिका अहम है कि वे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को इस योजना के बारे में जानकारी दें और आवेदन प्रक्रिया में सहायता करें।
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🎓 सरकार का उद्देश्य:
भारत सरकार का उद्देश्य है कि समाज के सबसे पिछड़े और वंचित वर्ग के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न हों। प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना इसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जो शिक्षा को न सिर्फ सुलभ बना रही है बल्कि सामाजिक समावेशिता को भी बढ़ावा दे रही है।
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📢 यदि आप या आपके आस-पास कोई ST विद्यार्थी है जो कक्षा 1 से 10 में पढ़ाई कर रहा है, तो इस योजना के बारे में जानकारी अवश्य साझा करें। हो सकता है यह सहायता, किसी बच्चे के उज्जवल भविष्य की नींव बन जाए।
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