यस न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट
उमरिया – आंगनवाड़ी केन्द्र न सिर्फ बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और परिवारों की भलाई के लिये भी अहम है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इससे बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके। आँगनवाड़ी केंद्रं ग्रामीण माँ और बच्चों के देखभाल केंद्र बन गया है।
आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों की देखभाल करते हैं, जो भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक हैं। स्वास्थ्य सेवा के अलावा, वे प्रारंभिक शिक्षा और समग्र बाल विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से छोटे बच्चों के पोषण, स्वास्थय और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग व्दारा ग्राम स्तर पर उपलबध कराई जा रही है।
महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। जिले में सहरिया, बैगा और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती हैं। इन क्षेत्रों के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की डिजाइन को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ माना है।जिले में कुल 786 आंगनबाडी केन्द्र है । जिसमें शहरी क्षेत्र में 71 आंगनबाडी केंन्द्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 715 आंगनबाडी केन्द्र है ।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में 0 से 6 माह तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 2583, 6 से 3 वर्ष तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 21558 तथा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 29227 है । विशेष पिछड़ी जन जाति वाले ग्रामों में 153 आंगनबाडी केंद्र है जिसमें कुल दर्ज बच्चों की संख्या 3481 है । जिले में 103 मिनी आंगनबाडी केन्द्र है ।
विभागीय भवनो मे संचालित आंगनबाडी केन्द्रों की संख्या 119, किराए में संचालित आंगनबाड़ी भवनों की संख्याा 34 तथा न किराए न शासकीय भवन में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों की संख्याड 25 है । जिले में 330 आंगनबाडी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन है । जिले में 310 आंगनबाडी केन्द्रो में बाउण्ड्री वाल तथा 225 आंगनबाडी केन्द्रों में पोषण वाटिका की सुविधा उपलब्ध है ।
पीएम जन मन योजना अंतर्गत ऐसे पीवीटीजी ग्राम जहां आगनबाडी भवन उपलब्ध नही है ऐसे पीवीटीजी ग्रामों में नवीन आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करना है । प्रत्येपक आंगनबाड़ी की लागत 12 लाख रूपये निर्धारित की गई है । जिले में 23 आंगनबाड़ी केंद्र पीवीटीजी ग्रामों में संचालन एवं आंगनबाडी भवन का निर्माण किया जा रहा है ।